बुनियाद तो उनकी हिलके रहेगी, रिश्तों में जिनके दरार है। बुनियाद तो उनकी हिलके रहेगी, रिश्तों में जिनके दरार है।
रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया। रात दिन मुझसे ही सवालों जवाब रहे देख ले पानी मेरे आज सर से गुजर गया।
नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी नज़र की बात करोगे सितमगर, तो एक राह जुड़ जाएगी
दिसंबर में ही उठी थी उसकी डोली... कम्बख्त आ गया फ़िर से दिसंबर ... दिसंबर में ही उठी थी उसकी डोली... कम्बख्त आ गया फ़िर से दिसंबर ...
ग़ज़ल साहित्य में काव्य की बेमिसाल विधा है. जो सदियों का सफर तय करने बाद, आज भी उसी चाव और शौक़-ओ-शग़फ़ स... ग़ज़ल साहित्य में काव्य की बेमिसाल विधा है. जो सदियों का सफर तय करने बाद, आज भी उस...
की थी क़ुबूल हमने दिखाई आपकी वह बेरुख़ी , न पाया कभी करार ,नज़र आपने जो फेर ली ! की थी क़ुबूल हमने दिखाई आपकी वह बेरुख़ी , न पाया कभी करार ,नज़र आपने जो फेर ...