Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dhirendra Panchal

Tragedy

4  

Dhirendra Panchal

Tragedy

मेरे बेटे ने

मेरे बेटे ने

1 min
345


छोड़ दिया है दामन मेरा मेरे बेटे ने

दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने ।


जिसको राजा बेटा कहकर रोज बुलाते थे

जिसका सर सहलाकर पूरी रात सुलाते थे

क्यों इतना कड़वा बोल दिया है मेरे खोटे ने

दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने ।


गिरवी मेरे सपने मेरी इच्छाएं लाचार थी

उसकी दुनिया लगती मुझको मेरा ही आकार थी

कैसे धक्के मारे मुझको मेरे छोटे ने

दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने ।


क्या करुणा का सागर उसका सुख गया होगा

बूढ़े कन्धों से उसका मन ऊब गया होगा

गले लगा ले माँ बोली ना समझा बेटे ने

दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने ।


डर लगता है यहाँ पराये होंगे कैसे कैसे

घर ले चल तू मुझको मैं रह लुंगी जैसे तैसे

एक बार ना पीछे मुड़कर देखा बेटे ने

दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने ।


सूखी अंतड़ियों की खातिर अब दो रोटी भी भारी है

जिसने उसको जन्म दिया है वो ही बना अनारी है

छूना चाहा उसको झटका मेरे बेटे ने

दूर हो जाओ दोनों बोला मेरे बेटे ने ।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy