मेरा सपना
मेरा सपना
एक रात जब सो गए सारे
चमक रहे थे चाँद सितारे
देखा मै एक सपना प्यारे
उसमे थे मेरे अपने सारे !
देखा मैंने सबको पास से
आँखों में अपनी मिलान की आस से
दूर हुआ मैं अपनों से जबसे
मिल रहा हूँ ख़्वाबों में तबसे !
लम्बी काली रातें हैं आते
खुशियों वाली सपने हैं लाते
मन के अरमानों को जगाते
झूट को सच में बदलके दिखाते !
कितने सुन्दर सपने धोके
खुश हूँ इसमें अपनों को पाके
उठना जाऊं होश में आके
देखता रहूँ होश मैं खोके !