STORYMIRROR

संजय असवाल "नूतन"

Inspirational Others Children

4  

संजय असवाल "नूतन"

Inspirational Others Children

मेरा सपना(बाल कविता)

मेरा सपना(बाल कविता)

1 min
416

मुझे छूना है, नीला आसमान,

जहाँ पंछी उड़ते, सुबह शाम,

चमके सूरज, जहां चांद शर्माएं

सपनों की दुनिया में मुझे ले जाए।


बनाऊँ मैं एक, बादल का जहाज,

बैठकर उसमें, करूँ परवाज़,

सूरज की किरणों को, मैं छू लूँ,

इंद्रधनुष से सतरंगी, रंग चुन लूँ।


एक जंगल हो वहां, फलों से भरा

सुन्दर परियों का, हो वहां डेरा,

जहां बहती नदियां, गाएं गीत

हर कदम पर बिखरा हो,वहां संगीत।


चिड़िया बनकर, मैं पंख फैलाऊँ,

हर कोना देख, दुनिया का आऊँ

पहाड़, समंदर, फैला रेगिस्तान,

सब कुछ देखें, नन्हे मेरे अरमान।


मेरा सपना अजब, बड़ा निराला,

जहाँ हर दिन हो, खुशियों वाला,

जहां दोस्त करें, सदा हंसी-ठिठोली,

सपनों में सजी हो, जहां सुंदर रंगोली।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational