STORYMIRROR

Rahulkumar Chaudhary

Romance Tragedy Crime

4  

Rahulkumar Chaudhary

Romance Tragedy Crime

मेरा कल

मेरा कल

1 min
253

तुम ! हाँ तुम हो,

कल भी तुम थे आज भी तुम हो

कल भी तुम ही रहोगे 

दिल जानता है मानता है,

पहचानता है   कल 

दिल में, जिंदगी में साथ में 


कल 

खुशी में, उदासी में, दर्द में

कल 

मेरे दोस्त, मेरे साथी मेरे हमसफ़र

कल आदत में चाहत में इबादत में


कल

कहानी में कविता में मेरी गजल में

कल 

दिन भर की बातों में तन्हा काली रातों में 

मेरे हसीं ख्वाबों में  कल।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance