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NIBEDITA MOHAPATRA

Classics Drama Inspirational

1.5  

NIBEDITA MOHAPATRA

Classics Drama Inspirational

मेरा कान्हा

मेरा कान्हा

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नन्द रानी का है वो दूलारा,

नन्द बाबा के आँखों का तारा,

ग्वाल बाल सब उसके साथी,

राधा रानी का है वो प्यारा।


मुख पर झलके चाँद-सी हँसी,

प्यार तो अतंर में है भरा,

उसकी हर नटखट अदा से,

झूम उठता है मधुवन सारा।


माखन चुराये या मटकी तोड़े,

चाहे कितना वो परेशान करे,

फिर वंशी कि एक मधुर धुन से,

वो विचलित मन को शांत करे।


जब बढ़ता है अन्याय अत्याचार,

तब वो लेता है अवतार,

दुष्टों का करके दमन वो,

सतों का करता है उद्धार।


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