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NIBEDITA MOHAPATRA

Abstract

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NIBEDITA MOHAPATRA

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जिंदगी-एक पहेली

जिंदगी-एक पहेली

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जिंदगी एक ऐसी पहेली है

जिसे सुलझाना आसान नहीं

जिस पर दिल आ जाता है 

उसे कभी भुलाता नहीं।


यह जिंदगी एक शोला है

जो कभी बुझता नहीं

जिस पर ये खफा होता है  

वह कभी बचता नहीं।


एक ऐसी पतझड़ है ये

जो ना रोके रुकता है 

अजीब घबराहट के साथ 

दिल को हमेशा रूलाता है।


जो वफा से साथ दें

उसे कभी ना छोड़ता है

जो इसे धोखा दे

बर्बाद उसे कर देता है।


शीशे सा अगर टूट जाए

फिर जुड़ने का नाम न लेता 

अजब ये शम्मा निराला है 

पत्थर को भी पिघला देता ।

राहों के सारे कांटो को

फूल ये बना देता 

ये है एक ऐसी पहेली 

जिसका न है कोई अता पता।


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