मेरा भारत
मेरा भारत
सोने की चिड़िया है देश मेरा
सोने सा दिल ये रखता है
रखता है विशाल हृदय यह
परोपकार यहीं पर पलता है
पंजाब सी भोली सीरत इसकी
कश्मीर सा रूप रंग है
गौरव राजस्थान सा है
गुजरात सी जलतरंग है
दिल्ली सा दिल है इसका
मुम्बई सी अदाकारी है
उत्तराखंड सा देवस्थान है
अयोध्या सी बारादरी है
दिया संदेश गीता का कृष्ण ने
सीता का अग्निपान यहाँ
राम सा पुरुषार्थ भी है
तो राधे सा मगन ध्यान यहाँ
महिषासुर का नाश हुआ
भस्मासुर को परास्त किया
ले असंख्य अवतार यहीं
बुराई का सूर्यास्त किया
गार्गी का शास्त्रार्थ भी है
सती का सम्मान यहाँ
युधिष्ठिर सा धर्म विराजित
तो अंग सा महादान यहाँ
क्या-क्या अलंकार रचूं मैं
ऐसे शब्दों का मुझे भान नहीं
संपूर्ण आर्यावर्त को करूं रचित
मुझमें इतना ज्ञान नहीं
मैं जन्मी भारत भूमि पर
बस यही मुझे कृतार्थ करें
तन मन धन से हो जाये फिर
सोने की चिड़िया
बस यहीं कथन चरितार्थ करें
बस यहीं कथन चरितार्थ करें।।
