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ritesh deo

Romance

4  

ritesh deo

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मेहरम

मेहरम

1 min
383


बन के महरम

तू सदा मेरे साथ रहना ।

तबस्सुम के मोतियों को तू अपने

मेरे दामन में सदा बिखेरती रहना।

ऐ आफरीन नाज़नीन मेरी

तू हर पल ,पल पल मेरे साथ ही रहना।

है तवक्वो तुझे पाने की

तू मेरी हसरतों में सदा समाई रहना।

है जुस्तजू तेरी मुझे तू मेरी अब फितूर बन गई।

तूने देखा मुझे इस क़दर की तू मेरी नाज़ ए नूर बन गई।

है महताब बड़ा आफताब तेरा नूरानी चेहरा

तू इन अंधेरों में डूबी आंखों की चिराग बन गई।

कल तक तू कहीं छुपी थी इन सितारों में

अब तू प्यारे शब की शबाब बन गई ।

तू तो कब से है मेरे दिल के पास

अब तो तू दिल के पार हो गई ।

बन के मेहरम तू मेरी हमदम बेनज़ीर ही गई।

बन के मेहरम तू मेरी हमदम दिल ज़िगर के पार हो गई ।

बन के मेहरम तू मेरी हमदम बेनज़ीर हो गई


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