मेहरबानी
मेहरबानी
है लमहा तू, एहसास मैं,
तू दरिया है, और प्यास मैं,
कबूल तू, और आस मैं।
है जीत तू, नाकाम मैं,
तारीफ तू, गुमनाम मैं,
तू धूप है, और शाम मैं।
नज़दीकी तू, मैं फासला,
है किस्सा तू, मैं हादसा,
तू है खुदा और तेरा,
सजदा हूँ मैं।
मंजिल है तू, भटका हूँ मैं,
तू बेफिक्र, तन्हा हूँ मैं,
टूटा हुआ जैसे,
सपना हूँ मैं।
है तेरी मेहरबानी,
तेरे आने से,
घट मेरे गम गए,
है तेरी मेहरबानी,
जो खो कर खुद से,
तुझ में मिल गए।
