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jyoti pal

Romance

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jyoti pal

Romance

मेहंदी

मेहंदी

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तुम्हारे बिना मेहंदी लगाने का मन नहीं करता

गीत गुनगुनाने, नाच गाने कोई त्यौहार बनाने,

सखियों से बतिया बनाने का मन नहीं करता!


आज फिर रचाई मेहंदी तुम्हारे नाम की,

तुम्हें गुस्सा दिखाने का फायदा नहीं

महंदी का रंग, तुम्हारे गुस्से से गहरा नहीं चढ़ता!


छेड़ने लगीं हैं सखियां भी तुम्हारे नाम से

आंखों में उम्मीदों की सपनों की चमक हैं

मुस्कुराकर जितनी बार देखूं मन नही भरता!


हर पल जिक्र तुम्हारा है, सखीं बोलती हैं चुप हो जा

कितनी भी बातें करुँ तुम्हारी, मेरा पेट नहीं भरता

सखियां सोचती होंगी, उफ! इसका मुंह नहीं थकता!


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