मौत
मौत
बैठे थे यूँ इस कदर कि आपका ख्याल आया गया
सोचने से पहले ही, मौत का पैगाम आ गया
दफनाने चले थे कुछ लोग हमें
हमारा जनाज़ा उठाने के लिए हमारा महबूब आ गया।
इबादत करके माँगा था उसे खुदा से
पर आज वो किसी और का होकर आ गया
क्यों शिद्दत से मोहब्बत की थी हमने उनसे
मरने से पहले आखिरी लफ़्ज़ों में भी उनका नाम आ गया।
कलम उठाकर लिखने तो बैठ गए थे हम
हर अक्षर को अपने दिल की गहराई से लिखकर आ गया
अंदाज़ा तो बहुत लगाते हैं लोग हमारी मौत से
उसी मौत को आज पास से महसूस करके आ गया।
