Shweta Sonekar
Fantasy
मुझमें तेरा ख्याल
ही अपना सा है
प्रेम का रंग
पलाश के फूलों सा है
हवाओं में भी
गर्म जोश सा है
मौसम का मिजाज
भी बदला सा है
बदलते रहे कोई
तुम ना बदलना
मेरे दिल में ज़ज्बा
बस इतना सा है
वक़्त
मौसम का मिज़ा...
विजयपथ पर बड़...
आदि शक्ति जगद...
जज़्बात
तुम्हारी चूड़ि...
क़िताबें
तेरी यादों की...
दोस्ती
इस्तेहार निकालो चलो, किराएदारों को अब रहने बुलाया जाए। पर सुनो ये भी संभव है की रह जाए , यंहा सिर्फ ... इस्तेहार निकालो चलो, किराएदारों को अब रहने बुलाया जाए। पर सुनो ये भी संभव है की ...
ऐसा प्यार किताबों में होता है असल जिंदगी में नहीं। ऐसा प्यार किताबों में होता है असल जिंदगी में नहीं।
यूं ही नहीं हर्षिता की नज़र में उतरता कोई अब वहीं नज़र में एक अंगार हो गए। यूं ही नहीं हर्षिता की नज़र में उतरता कोई अब वहीं नज़र में एक अंगार हो गए।
दिलों ओ दिमाग में छाई है तेरे यादों की परछाई। दिलों ओ दिमाग में छाई है तेरे यादों की परछाई।
ख्वाहिशें उस ग़रीब की, आंसुओ मे बह गई दुआओं में असर गरीब की, खुदा को लाना होगा! ख्वाहिशें उस ग़रीब की, आंसुओ मे बह गई दुआओं में असर गरीब की, खुदा को लाना हो...
दुनिया में सबसे न्यारी हिंदी। भाषा में सबसे प्यारी हिंदी। दुनिया में सबसे न्यारी हिंदी। भाषा में सबसे प्यारी हिंदी।
एक.. मन भर बिखरने को, और एक.. जी भर..संभलने को एक.. मन भर बिखरने को, और एक.. जी भर..संभलने को
डगमग डगमग गोते खाए नैय्या मेरी चलती जाए। डगमग डगमग गोते खाए नैय्या मेरी चलती जाए।
वक़्त गुज़रता रहा मग़र इक कतरा रच न पाया वक़्त गुज़रता रहा मग़र इक कतरा रच न पाया
हर मुश्किल में भी साया बनूँगी बस तुम मेरी ताकत को न छोड़ना। हर मुश्किल में भी साया बनूँगी बस तुम मेरी ताकत को न छोड़ना।
प्रारम्भ हुआ फिर ऋतु- चक्र, शीतल बयार ने गति अपनाई! प्रारम्भ हुआ फिर ऋतु- चक्र, शीतल बयार ने गति अपनाई!
हर लहर में होता है समुद्र पर हर लहर समुद्र तो नहीं कहलाती। हर लहर में होता है समुद्र पर हर लहर समुद्र तो नहीं कहलाती।
अपने ख्वाबों खयालों में 'रानी' बना, मन में बसाओ तो सही। अपने ख्वाबों खयालों में 'रानी' बना, मन में बसाओ तो सही।
उनके पैर की झांझर दिन रात रांझा रांझा कहती थी, वो भी आज कल हीर सी बावरी रहती थी। उनके पैर की झांझर दिन रात रांझा रांझा कहती थी, वो भी आज कल हीर सी बावरी रहती...
काले मेघों का गर्जन सुनकर, सकल धरा फिर काँपी थर थर। काले मेघों का गर्जन सुनकर, सकल धरा फिर काँपी थर थर।
कुछ तिनके उस बगिया से, जहां पुष्पों में कोई भेद नहीं। कुछ तिनके उस बगिया से, जहां पुष्पों में कोई भेद नहीं।
ब्रम्हाण्ड भी शांत था एक शून्य के जैसा जब से अब दुनिया बदल गयी है मेरी। ब्रम्हाण्ड भी शांत था एक शून्य के जैसा जब से अब दुनिया बदल गयी है मेरी।
मानवता धर्म बड़ा सबसे है, तर्क उन्हें समझाने को। मानवता धर्म बड़ा सबसे है, तर्क उन्हें समझाने को।
मेरा प्यार है, करार है, जन्नत की है कोई हूर तू। मेरा प्यार है, करार है, जन्नत की है कोई हूर तू।
मैं से मेरा होना प्रमाण है पत्र है मेरा हर चीज का प्रमाण पत्र प्रमाण है मेरा। मैं से मेरा होना प्रमाण है पत्र है मेरा हर चीज का प्रमाण पत्र प्रमाण है मेरा...