STORYMIRROR

Shweta Sonekar

Others

4  

Shweta Sonekar

Others

दोस्ती

दोस्ती

1 min
313


गुजरा जमाना यादों की किश्ती

जिंदादिली और यारो की मस्ती 

अल्हड़ पन पे एक दूसरे को चिढाना

यारों की खातिर दूसरों से झगड़ जाना

ना दिन ना रात की फिक्र करना

बस दोस्ती में चारों पहर रहना

मां की डांट पिता का गुस्सा सहना

पर दोस्तों पर आंच ना आने देना

 ना रुकने वाली हंसी के ठहाके लगाना

पेट पकड़कर इधर-उधर लोटना

उम्र के साथ दोस्ती का परिपक्व होना

फिर अपने बच्चों को उनकी सीख देना

चिंतन मनन और ज्ञान की बात करना

बैठे-बैठे मुश्किलों का हल ढूंढना

दुनिया की उलझन से दूर रहना

 हर फिक्र में दोस्तों को गले लगाना

नहीं है किसी भी रिश्ते में अपनापन इतना

दोस्ती के रिश्ते में भूल जाते हैं गम अपना

यारो सब करना जिंदगी में बस

दोस्त एक दूसरे को कभी दगा ना देना।


Rate this content
Log in