विजयपथ पर बड़े चलो
विजयपथ पर बड़े चलो
अपनों से है द्वन्द्व यहाँ
मन के भाव पढ़े चलो
धैर्य मन में अडिग रखो
विजयपथ पर बढ़े चलो
चक्रव्यूह है रचा यहाँ
खेल जाएंगे खेल जहाँ
चक्रव्यूह को भेद चलो
विजयपथ पर बड़े चलो
कहने को दुनिया मेला है
पर हर शख्स अकेला है
उठो अकेले ही चला करो
विजय पथ पर बढ़े चलो
बोला है, क्या तोला है?
क्या भावों को टटोला है
जालो को अपने साफ करो
विजयपथ पर बढ़े चलो
