मैंने सोचा नहीं था....
मैंने सोचा नहीं था....
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समझदार लोग पसंद थे मुझे, चालाक मिल जायेंगे...
मैंने सोचा नहीं था।
ईमानदारी पसंद थी मुझे, बेवकूफ समझा जायेगा...
मैंने सोचा नहीं था।
औरों के लिए दुआएं मांगी थी मैंने, बद्दुआएं पाऊंगी...
मैंने सोचा नहीं था।
लोगों की मुस्कान पसंद थी मुझे, मेरी छीनी जाएगी...
मैंने सोचा नहीं था।
साथ चलती थी हर पल जिनके, अकेले छोड़ जायेंगे...
मैंने सोचा नहीं था।
अपना समझती थी जिनको, परायी कर दी जाऊंगी...
मैंने सोचा नहीं था।
सच्चे लोगों की आस थी मुझे, झूठों से मुलाकात होगी...
मैंने सोचा नहीं था।