मैंने जीना सीख लिया है।
मैंने जीना सीख लिया है।
मैं कभी भी लौटकर आऊंगा नहीं,
यहां पर अमन-चैन से अब रह पाऊंगा नहीं।
मैं खुद से भी बहुत दूर जाना चाहता हूं,
कसमें वादे प्यार वफा सब को भूल जाना चाहता हूं।
साथ-साथ रहना भी अब मुमकिन नहीं,
प्यार कर पाना मेरे लिए अब आसान नहीं।
अब मुझे माफ़ कर देना मेरे हुजूर,
अब किसी से प्यार करना मुझे नहीं मंजूर।
इस कमबख्त इश्क ने मुझे इतना है रुलाया,
पता नहीं बार-बार मैं क्यों इसके झांसे में आया।
अब मैंने भी है ये है ठाना,
नहीं अब इसके चक्कर में आना।

