STORYMIRROR

साहित्यकार सिब्बू

Tragedy

3  

साहित्यकार सिब्बू

Tragedy

मैनें जिससे प्रेम किया

मैनें जिससे प्रेम किया

1 min
163

मैनें जिससे प्रेम किया

बन गया वही छलिया ,

मैनें शीशे से पत्थर तोड़ा

ऐसा मुझको छल हुआ,

वास्तविकता यह थी,

मेरा सारा प्रयास विफल हुआ।

अब प्रश्न मेरा मुुझसे ही हुआ

क्यों? ईश्वर नें मुझको हृदय दिया

क्यों? मैनें किसी से प्रेम किया

मैनें जिससे प्रेम किया..............।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy