लॉकडाउन की एक कविता-1अप्रैल2020
लॉकडाउन की एक कविता-1अप्रैल2020
क्यों तुम तो कहते थे
की चिड़िया सबसे
ज्यादा सुरक्षित रहती है
अपनें पिंजड़े मेें
अब अपने ही घर में
कैद महसूस करने लगे
साहब! ये घर भी
तुम्हारा ही है
और दिन भीं बीस-इक्कीस
न वो घर चिड़िया का था
न दिन थे दस-बीस
फिर भीं वो नन्हीं
छोटीं प्यारी चिड़िया
रहीं अपने पिंजड़े मे
क्योंकि तुमने उसे बाँधा था
अब तुुुम भीं घर मेंं रहो
क्योंकि आला-हूकूूूमत
ने तुम्हें है बाँधा!