मैं सजला
मैं सजला
मैं सजग,सरल, भारत की नारी हूँ,
सुखद,शांत, शुभ्र शीतल नारी हूँ ।
पावनी गंगा सी हूँ मैं नारी,
अविरल बहती नदी की सी हूँ
अंबा हूँ अंबिका,जगदम्बे हूँ मैं,
निर्भया, निर्मल ह्रदया नारी हूँ ।
गौरी,गृहलक्ष्मी, गर्विता हूँ मैं,
जग जननी, अमृता मातेश्वरी हूँ।
कोमल, कमनीय ईश्वर की कृति मैं,
काम्या, करूणा सहनशक्ति की मूर्ति हूँ ।
चंचला चपला नयनों वाली मैं,
रमणीया,सुहानी, मै मृगनयनी हूँ ।।