मैं शक्ति हूँ..!
मैं शक्ति हूँ..!
शक्ति है तू विश्वास है,
चीर अंधेरों को प्रकाश है।
तूँ ही दरिया तू ही पतवार है,
जीवन का तू ही आधार है।
तूँ ही सृजन तू ही विनाश है,
हर मुसकिलों में देती साथ है।
तूँ ही अनादि तूँ ही अनन्त है,
तुझसे ही प्रेरित ये जग जीवंत है।
तूँ ही सखा तू ही माँ है,
हर शरीर की तू ही आत्मा है।
जीवन के हर रिश्ते में,
हर पग पे तेरी ही प्रतिमा है।