STORYMIRROR

कुमार संदीप

Inspirational

5.0  

कुमार संदीप

Inspirational

मैं सैनिक हूँ

मैं सैनिक हूँ

1 min
498


माँ की ममता की 

छाँव से दूर 

बहुत दूर आया हूँ

पिता जी के प्यार से 

बहुत दूर 

कोसों दूर 

सैनिक बन 

देश की रक्षा करने

आया हूँ

हाँ मैं सैनिक हूँ, 

है सौगंध मुझे 

इस मिट्टी की 

अंतिम साँस तक 

वतन की रक्षा करूँगा।


कंपकपाती ठंड में 

बिना परवाह किए

देश की रक्षा के लिए 

सरहद पर खड़ा हूँ

ओलों की बौछार हो

या हो पसीने से भीगा 

पूरा बदन

फिर भी रहता हूँ डटा 

देश की रक्षार्थ 

हाँ मैं सैनिक हूँ, 

है सौगंध मुझे इस मिट्टी की

अंतिम साँस तक

वतन की रक्षा करूँगा।


अपन

ों से बहुत दूर

अपनों की यादों को 

दिल में संजोए हूँ,

आखिर मैं भी तो इंसान हूँ 

अपनों से मिलने की 

ख़्वाहिश मैं भी रखता हूँ 

पर मेरे लिए 

देश की रक्षा ही 

मेरा दायित्व है

हाँ मैं सैनिक हूँ,

है सौगंध मुझे इस मिट्टी की

अंतिम साँस तक 

वतन की रक्षा करूँगा।


मन बहुत दुखी होता है

जब सैनिकों के शौर्य पर

लोग प्रश्न उठाते हैं

मेरा तो हर पल हर क्षण 

देश के लिए है

न्यौछावर हूँ राष्ट्र पर

राष्‍ट्र के प्रति 

प्रेम समाया हुआ है

हाँ मैं सैनिक हूँ,

है सौगंध मुझे इस मिट्टी की

अंतिम साँस 

तक वतन की रक्षा करूँगा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational