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jyoti pal

Crime Inspirational

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jyoti pal

Crime Inspirational

मैं रुकता नहीं

मैं रुकता नहीं

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ख्वाहिशें मर सकतीं नहीं,

ग़रीबी कभी मिट सकतीं नहीं

भगवान भरोसे बैठने से

सफलता कभी मिल सकती नहीं


बिना रोटी का कोर डाले

रोटी मुँह में जा सकती नहीं

बिना कर्म किए अमीरी भी

सदैव टिक सकती नहीं


धुरी पर पृथ्वी के घूमे बिना

तपता सूर्य भी चमकता नहीं

मन मारा हैं सपने नहीं

अंधेरा घना हैं मगर राह वहीं


चलता हूँ मैं थमता नहीं

अंधेरा और उजाला क्या ?

बहता पानी कभी रुकता नहीं

जो न रुके सुदर्शन चक्र वहीं।



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