मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा
मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा
मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा
बन के कोई छाँव छबीली
हर कड़कड़ी धूप ज़िन्दगी में..
मैँ रहूँ तुम्हारे साथ सदा
बन के कोई आवाज़ सुरीली
किसी ख़ामोशी के मंजर में...
मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा
बन के एक किरण उजाले सी
हर घनघोर अँधेरे में...
मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा
बन के एक उम्मीद
हर तूफ़ान के थपेड़े में...
बना के अहसास
मुझे छिपा लो अपने दिल में
बस धड़कन बन चलती रहूँ
महकती रहूँ साँसों में..
बस मेरी तो यही तमन्ना है
कि दिल का बोझ न बनूँ
मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा..
बदहाली में कोई आराम
और बेक़रारी में
दिल का सकूँ बन कर
मैं रहूँ तुम्हारे साथ सदा