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दिनेश सिंहः नेगी

Inspirational Children

4.5  

दिनेश सिंहः नेगी

Inspirational Children

मैं पथिक

मैं पथिक

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निरन्तर चलता हूँ

रुके ना कदम

थके ना हम


बाधाओं को पार

दिशाओं को चीर

चलना हुआ मुश्किल


दूर दिखें मंजिल

कदम उठाए चल

दो घुटनों के बल


चलचला चल

आएगा ना कल

दिखा कुछ जोश

खोजा आज होश


कुछ आहटो का एहसास

रख थोड़ा मन में विश्वास

मैं पथिक

निरन्तर चलता हूँ।


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