मेरे आँसू नम है
मेरे आँसू नम है
मेरे आँसू नम हैं
मेरा दिल गम है
अब मैं क्या कहूँ
देश के वीर जवानों में दम है....
लिखूँ तो क्या लिखूँ
सोचूँ तो क्या सोचूँ
कलम भी आज खामोश है
मन भी गमगीन है
चलो कुछ पंक्तियां लिख देता हूँ
अपने वीर जवान के शहादत पर
खूब लड़े होंगे मेरे देश के वीर जवान
हर गोली से निकले दुश्मनों की जान
सर पे था माँ भारती का हाथ
चल बैठे अपने साथियों के साथ
किया आखिरी बार घर पर फोन
कुछ देर तक रहा यूँ ही मौन
समझ गये घर वाले है मेरा लाल
कहा मैं हूँ अब दुश्मनों के काल......
कसम खाई थी देश की तिरंगे की
माँ भारती भी हमें पुकार रही
टूट पड़े सीमाओं के इर्दगिर्द
छुपे हुए थे बिल्लों में कायर
जवानों पर कर दिया फायर
लहूलुहान हो गये मेरे जवान
लड़ते रहे अंतिम साँसों तक दुश्मनों से
साँसे भी थम रही माँ भारती की गोद में........
पानी की एक-एक बूंद को तरसे
घायल होकर भी दुश्मनों पर खूब बरसे
दुश्मनों के छातियों को चीर दिया
विजय सीमाओं पर तिरंगा फहरा दिया
अंतिम साँसों से तिरंगा को जय हिंद कह दिया
हे! माँ भारती मुझे अपने गोद में सुला दे
ऐसा वीर शहीद जवान यूँ कह गया......
आया घर जब फोन
बता दिया सब हुये मौन
तेरा लाल अब ना आयेगा
वतन के खातिर अपना प्राण न्योछावर कर दिया
आया जब शहीद जवान का शरीर
फर्क बस इतना सा था जिंदा नहीं मृत था
देखा परिवार ने जब अपने लाल को
तिरंगे पे लिपटा वीर जवान का शरीर
जाग गया हर किसी का ज़मीर
यही है देश का असली शहादतों का अमीर.............
रोते बिलखते हुये पूरा परिवार
अपने लाल को देखने पहुंचा पूरा गाँव
भीड़ इतनी हो गयी खिसकने को ना था पाँव
अब कहाँ से लाऊँगा अपने वीर को
फक्र है मुझे अपने वीर जवान बेटे पर
घर से विदा हुआ बहादुर बेटे का शरीर
भीड़ लग गई अपने बेटे को देखने अंतिम बार
माहौल पूरा ग़मगीन था
दे दी गई कहीं तोपों की सलामी
देश के वीर जवान की हो गई अंतिम विदाई
सदा-सदा के लिए अमर हो गया
ऐसा वीर शहीद जवान को मैं देखते रह गया.........
मेरे आँसू नम है
मेरा दिल गम है
अब मैं क्या कहूँ
मेरे देश के वीर जवानों में दम है.......
