मैं लिखूँ
मैं लिखूँ


हाँ मैं भी लिख सकती हूँ
अपने सपने बुन सकती हुँ
मीरा सी मैं प्रीत लिखूँ
हार नहीं मैं जीत लिखूँ
सीता की अग्निपरीक्षा लिखूँ
समाज की मैं समीक्षा लिखूँ
लक्ष्मी बाई का शौर्य लिखूँ
तत्परता नहीं मैं धैर्य लिखूँ
कल्पना सी उड़ान लिखूँ
गर्त नहीं मैं उठान लिखूँ
गार्गी सी विद्वता लिखूँ
आज मैं साक्षरता लिखूँ
पन्ना सा त्याग लिखूँ
द्वेष नहीं मैं राग लिखूँ
शबरी सा इंतज़ार लिखूँ
नफरत नहीं मैं प्यार लिखूँ
पद्मावत का जौहर लिखूँ
भारत की मैं धरोहर लिखूँ
सावित्री सा प्यार लिखूँ
यम की हुई मैं हार लिखूँ
यशोदा सा वात्सल्य लिखूँ
ममता का मैं आलय लिखूँ
दुर्गावती सा बलिदान लिखूँ
देश का मैं अभिमान लिखूँ
हाँ मैं भी लिख सकती हूँ
अपने सपने बन सकती हूँ।