मैं लिखना चाहती हूं !
मैं लिखना चाहती हूं !
मैं लिखना चाहती हूं
हर पल हर क्षण,
जीवन का हर कण
शब्दों में पिरोना
ख्वाबों की
एक अलग दुनियां का होना
लिखते लिखते एहसासों को
अश्कों मै भिगोना
अपने कविता के साथ ही हंसना रोना
बस मैं लिखना चाहती हूं
एक कोरे कागज़ पर प्रेम में रंगी
कविता सी दिखना चाहती हूं
मैं लिखना चाहती हूं।