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Brijlala Rohanअन्वेषी

Action Classics Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Action Classics Inspirational

मैं लिखना चाहता हूँ!

मैं लिखना चाहता हूँ!

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मैं लिखना चाहता हूं आज स्वयं के बारे में !

आज मैं स्वयं के अपराध लिखना चाहता हूं,

स्वयं के झूठे और खोखले वादों को लिखना चाहता हूं,

स्वयं की गलतियों को लिखना चाहता हूं !


आज मैं लिखना चाहता हूं;

खुद को सही साबित करने के झूठे तरीकों को !

आज मैं लिखना चाहता हूं अपने भीतर के अहम को,

और मन में लोगों के प्रति उपजी वहम को !

आज मैं लिखना चाहता हूं अपनी नाकामियों को,

और उन नाकामियों के पीछे छिपे कारणों को !


आज मैं लिखना चाहता हूं स्वयं के दोषों को, 

स्वयं की गलतियों को,

पर मैं असमंजस में हूं !

क्या मैं ऐसा कर पाऊंगा ?

क्योंकि स्वयं के प्रति ईमानदार रहना इतना आसान भी नहीं !

फिर भी मैं लिखना चाहता हूं।


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