मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो
मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो
तुम्हें ये हक़ है कि तुम मुझसे बात न करो
मुझको ऐसे भूलो कि कभी याद न करो
तुम्हें जो मर्ज़ी है सज़ा दो मुझे
मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो मुझे
मेरी इस नींद की वजह तुम ही तो हो
मेरी इस उम्मीद की वजह तुम ही तो हो
कभी आओ इस नींद से जगा दो मुझे
मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो मुझे
मैं भी जानता हूं कि वो पहले का ज़माना नहीं
तुम भी जानती हो कि मेरा कोई ठिकाना नहीं
तुम ही कहीं अपनी ज़िंदगी में ठिकाने लगा दो मुझे
मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो मुझे
साँस लेने की भी आदत भूल चुका हूं
सुनो मैं अपने आप की कीमत भूल चुका हूं
खोटा सिक्का ही सही, बाज़ार में चला दो मुझे
मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो मुझे
खामोश दोपहर की तरह हो चला हूँ अब मैं
बिल्कुल पत्थर की तरह हो चला हूँ अब मैं
कभी रख के मेरे सीने पे हाथ रुला दो मुझे
मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो मुझे
अब भी कहीं मैंने अपने दिल को ये बताया नहीं है
कि तुमने छोड़ तो दिया है मगर ठुकराया नहीं है
मेरी खातिर दो एक ठोकर और ठुकरा दो मुझे
लेकिन....मैं कहाँ जाऊं बस इतना बता दो मुझे
इंतजार को मेरे अब खुद खत्म कर दो
मेरी पसंद को तुम अपनी मुहर दो
महका दो आकर आंगन मेरा
सोई उम्मीद जगा दो ऐ सनम मेरा
तुम खुद आओगी बस इतना बता दो।