मैं जीता हूँ मुझे जीने दो
मैं जीता हूँ मुझे जीने दो
मैं जीता हूँ मुझे जीने दो
सबका साथ नहीं तो क्या
अपने साथ तो मुझे रहने दो ।
उड़ता हुआ पतंग हूँ मैं
मुझे आसमां में उड़ने दो
मैं जीता हूँ मुझे जीने दो ।
मैं अंगार नहीं मैं बेकार नहीं
मेरे सपनों का कोई संसार नहीं
मैं खुली किताब हूँ
मुझे सबको पढ़ने दो
मुझे भी आगे बढ़ने दो
मैं जीता हूँ मुझे जीने दो ।
इस खूबसूरत सी दुनिया में
अपनों का बस साथ चाहूं
जिंदगी भर के लिए नहीं
कुछ पल तो साथ रहने दो
मुझे भी अपना कहने दो
मैं जीता हूँ मुझे जीने दो ।
पूरे हो तुम्हारे ख्वाब सारे
हर वक़्त रहो तुम सबसे आगे
तुम हो मेरे साथ
बस इतना तो कहने दो
अपने दिलो में मुझे बसने दो
मैं जीता हूँ मुझे जीने दो ।।
