मैं भारत का सैनिक हूँ
मैं भारत का सैनिक हूँ
मैं राजनीति की डोर नहीं
सिंहासन का कोई छोर नहीं
मैं भारत का सैनिक हूँ
देश का कोई चोर नहीं ।
कड़ी धूप में खड़ा रहा हूँ
सूरज से नजरें मिलाकर
रात की चांदनी में भी
आसमां को चादर बनाकर
मैं भारत का सैनिक हूँ
मुझ पर तेरा कोई उपकार नहीं ।
हर रिश्तों से दूर होकर
सबको अपना बनाकर
तुमको चैन की नींद सुलाकर
खुद रात दिन जगता हूँ
मैं कोई शैतान नहीं
मैं भारत का सैनिक हूँ ।
जब तिरंगे को चादर बनाकर
उसमे लिपटा हुआ में आता हूँ
खुद गोलियां खाकर मैं
ये तुमको बतलाता हूँ
मैं कोई कायर नहीं
मैं भारत का सैनिक हूँ ।
मैं भारत का सैनिक हूँ ।
जय हिंद । जय भारत ।