माँ - पापा
माँ - पापा
लोग कहते है कि मैं
पापा की तरह दिखता हूँ
उनकी तरह ही चलता हूँ
खुद उनके जैसा बनने की
मैं भी चाहत रखता हूं
बचपन मे जिसके सहारे मैंने
उंगलियां पकड़कर चलना सिखा था
जब भी गिरता था मैं
उन्होंने उठना सिखाया था
आंसुओं को पोछकर
हर गम से लड़ना सिखाया था
माँ की ममता से मैंने
प्यार की निर्मलता को जाना
पापा ने मुझे हर मुश्किल में
जीने का है हर तरीका सिखाया
अपने सपनों को छिपाकर
मेरी चाहतो को पूरा किया
जब भी खुद को हारा हुआ पाया
उन्होंने आगे बढ़कर हौसला बढ़ाया
मुझे डांटकर भी उन्होंने
जीतने का हर तरीका सिखाया
लिख न सकूँ उनके लिए कुछ और
जिन्होंने मुझ पर इतना प्यार बरसाया
शुक्रगुजार हूं भगवान का मैं
जिन्होंने मुझे उनका बेटा बनाया ।।