पिता की कामना
पिता की कामना
नन्हे नन्हे कदमो को,गगन तक जाना है,
जो न चल पाई तू,कदम तेरा बन जाना है।
हाँ, गीत में लिखता हूँ,तेरी सफलताओं का,
जो सुर में बांधेगा, केवल जन्मदाता तेरा।
जब जब तू हारेगी,आशा बन जाऊंगा,
अपने पदचिन्हों से,हर शूल मिटाऊंगा।
माँ भी संग तेरे,पिता का भी साथ है,
तेरे हर कदमो पर,हम सबको नाज़ हैं।
कितने भी शूल सजे,पथ में भी तेरे,
तू हार न माने न,ये हो संस्कार तेरे।।
तू कदम बढ़ाएगी,विजय पथ पाएगी,
संघर्षो से सीख,हर पल मुस्कायेगी।।
ये वादा नही मेरा,केवल सुख छांव मिले।
संघर्ष पथ सीखने का,तुझे ये ही ज्ञान मिले।।
कदम बढ़ा कर तू,गढ़ देना यह जीवन।
तेरे पदचिन्हों से,सीखे हर भटका मन।।