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Arunima Bahadur

Inspirational

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Arunima Bahadur

Inspirational

कोलाहल

कोलाहल

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कोलाहल है चारो तरफ,अंतस भ्रमण को अब चलो।

बहुत खोजा सुख साधन,आओ खुद से जरा मिलो।।

जब जब भी हम भटके है, सुख की खोज में प्यारो।

खुद से ही तब हारे हैं,सत्य एकमात्र तुम ये जानो।।

चलो फिर थाम ले खुद को,खुद से आज मिलने को।

जो जो भी तू हारा है, वही आज प्राप्त करने को ।।

कितने ही कोलाहल हो,कभी तू मौन को सुनना।

मौन की ये एक भाषा,यही मनुजता का गहना।।

मौन में ही प्रेम उपजे,मौन ही तो तुझे साधे।

कण कण में फिर देखे,केवल तू कृष्ण राधे।।



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