STORYMIRROR

Manju Saini

Inspirational

4  

Manju Saini

Inspirational

मेरी लेखनी

मेरी लेखनी

1 min
389

शोर नहीं करती किंतु

अचूक करती वार है

देखो यही तो मेरी

लेखनी की अमिट पहचाह है।


तलवार करती घात वात

कलम करती शांत वार

असर कर जाती है देखो

तलवार के घाव से गहरा।


युग परिवर्तन तक करती

लेखनी में वो ताकत है

स्वयं मूक रह लिखती

लेखक की वह ताकत जो हैं।


सरस्वती का रूप लिए है

तारती सच्चाई को हैं

उसकी स्याही की एक बूंद

देखो करती युग निर्माण है।


कोरे कागज पर जो लिखती

धीर- वीर की अमर कहानी

संविधान को रचा हैं जिसने

वो कलम शाश्वत सत्य हैं।


अपनी स्याही से ही जिसने

रच दिया महाकाव्य हैं

सत्य न्याय की ताकत समाई

वही कलम का काम है।


दीपक सी आभा वो रखती

करती सदा प्रकाशित है

आज लेखनी को नमन हैं

मेरा शस्त्र कलम महान हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational