“ पुराने नये सौगात “
“ पुराने नये सौगात “
पुराने गीतों को कब तक गुनगुनाऊँगा, नये रागों को बनाना सीखो !
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
पुराने गीतों को कब तक गुनगुनाऊँगा, नये रागों को बनाना सीखो !
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
नया यह दौर है, नया परिवेश है, नये प्रेम का, अभी श्रीगणेश है !!
पुरानी विधाओं को कब तक दुहराऊँगा, नये विधाओं को अपनाना सीखो!
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
चिट्ठी का युग गया, कबूतर भी चला गया, डाक तार भूल जाओ, मोबाइल युग आ गया !!
कागज कलम दवात कब तक अपनाऊँगा, वीडियो कॉल को अपनाना सीखो !
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
तड़पना छोड़ दो, आँसू पोंछ लो, विरह भूल जाओ, खुशी को बाँट लो !!
प्रतीक्षा में आखिर कब तक बिताऊँगा, आपस में बात करना सीखो !
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
युग बदलते हैं, जमाने बदलते हैं, हर युग में प्रेम, के उपहार मिलते हैं !!
बदले हुए हालत को कब तक बताऊँगा, अच्छा लगे उसे अपनाना सीखो !
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
पुराने गीतों को कब तक गुनगुनाऊँगा, नये रागों को बनाना सीखो !
पुरानी कविताओं को कब तक सुनाऊँगा, नयी कविता को रचना सीखो !!
