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Manju Saini

Inspirational

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Manju Saini

Inspirational

शीर्षक:पानी

शीर्षक:पानी

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अमृतधारा सा बहता पानी

अविरल गति से चलता पानी

जीवन का नहीं अस्तित्व बिन पानी

दुख सुख का साथी बस पानी।


पानी देख दादुर भी बोले

पपीहा भी अपना मुंह खोले

कोयल रानी गाती गाने

मोर भी तुमको आज बुलाये।


ऋतु बारिश की सभी को भाती

प्रेमी की बाछे खिल जाती

जब मेघ झमाझम बरसते

पवन सुहाने झोंके खाता।


नदियों में जब पानी होता

फसल हमारी लहलहाती हैं

बाग बगीचे हरे भरे हो

पानी कब डल जाता हैं।


मन हर्षित होता पानी से

ताल तलैया खुश पानी से

बूढ़े बच्चे सब मिल हँसते

जब खेले वो पानी से।



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