Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shobha Sharma

Romance

1.0  

Shobha Sharma

Romance

मैं और तुम

मैं और तुम

1 min
559


आओ ! प्रिय मैं और तुम हम बन जाएँ

धरा-गगन को छोड़ , क्षितिज हो जाएँ।

हो जहाँ सूरज-चाँदा नभ - निहारिकाएँ,

अमृत -घट लिए, विभावरी घूंघट उठाएँ

आओ ! प्रिय मैं और हम बन जाएँ।


आओ ! प्रिय साहिल छोड़ लहरों में समाएँ

प्रेम रस में उतर, तल की गहराई में खो जाएँ।

कुछ मोती सीपियों से चुने , कंठहार बनाएँ

रत्नाकर के परिसर में,जीवन दीप जलाएँ।

आओ ! प्रिय मैं और तुम हम बन जाएँ।


आओ ! प्रिय उस लोक में विचरण कर आएँ

जहाँ मिले थे मनु- श्रद्धा,अपलक निहार आएँ।

संगीत की स्वर लहरी में मदमाती धुन सुनाएँ

चंद्रकिरणें जलराशी में हमारे प्रतिबिम्ब बनाएँ।

आओ ! प्रिय मैं और तुम हम बन जाएँ।


आओ ! प्रिय व्योम-तारकों में छुप जाएँ

झिलमिल आभा मंडल में दीप्तमान हो जाएँ।

किसी लोक में वापस ना कभी आना चाहें

गगनदीप की डोली में जीवन के लम्हे बिताएँ।

आओ ! प्रिय मैं और तुम हम बन जाएँ।


Rate this content
Log in