Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shobha Sharma

Others

3  

Shobha Sharma

Others

मधुमास

मधुमास

1 min
475


नीलाम्बर से तुहिन रथ पर सवार

शनैः-शनै कुसुमावली को शीश धर

चले आओ तुम इन्द्र धनुषी रंग लिए

ओ ! मधुमास बिछ जाओ अवनि पर ।


शिशिर की गोद से उतर कर

धीरे-धीरे ठुमक -ठुमक कर

पैंजनी, लहराती हवाओं की पहनों

ओ ! मधुमास महको तुम सौरभ पर ।


रक्तिम पलाश में ठहर कर

सरसों का पीताभ मुकुट शीश धर,

अमराई से बौरों की मंजीरी लगाए

ओ ! मधुमास आ जाओ सिमट कर ।


कभी जब श्यामल घन छा जाते

धीमे-धीमे बारिश की बूँदें बरसा जाते,

वासंती बारिश में मोहकता मतवाली

ओ ! मधुमास आ जाओ लरजते लहराते ।


धवल -श्याम वारिद हटे नीलांबर से

प्रतिबिम्ब परिलक्षित हो उठा उदधि से,

दिनकर की तपिश बदल गई चाँदनी में

ओ ! मधुमास अब निकलो ठंडी चादर से।


वसुंधरा कहती है प्राण प्रिय हो तुम

दुल्हन मुझे बनाने प्रिय आते हो तुम,

लावन्ण्यता पर मेरी सब प्राणी मोहित है

ओ ! मधुमास संवारने अब आ जाओ तुम ।


नव -यौवना प्रकृति को संवार कर

ऋतु मास के अश्व रथ पर हो सवार,

चले जाते पहनाकर ग्रीष्म का आवरण

ओ ! बिछुड़े से मधुमास फिर आना मेरे पास ।



Rate this content
Log in