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Shobha Sharma

Inspirational

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Shobha Sharma

Inspirational

सफर सुहाने हो चले

सफर सुहाने हो चले

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मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले,

उम्मीदों के संग-संग वो भी जवाँ हो चले

मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले।


आ गई जो रोशनी उजाले संग ले चले 

धरा तो थी साथ में, क्षितिज भी संग हो चले

मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले।


कदम जो बढ़ाया हमने, धुंधलके हट चले,

रथ बढ़ा प्रभात का तो आसमां के पट खुले

मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले।


कायनात संग हो चली, हम भी बढ़ते चले,

ना पीछे घूम देखा , ना लक्ष्य से हम टले

मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले।


बहे शिखर से प्रपात सहस्र धारा हो चले

गति रुकी न प्रवाह की, किनारे छूटते चले

मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले।


मंजिलों की शाखों में, खुशबुओं के गुल खिले

मुस्कुराहटों के गीत, गुनगुनाते हम चले

गुनगुनाते हम चले, गुनगुनाते हम चले

मुश्किलों की राह में सफर सुहाने हो चले।


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