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Arunima Bahadur

Action

4  

Arunima Bahadur

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मै एक नारी हूँ

मै एक नारी हूँ

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मैं एक नारी हूँ

संपूर्णता की कहानी हूँ

मैं एक नारी हूँ

मैं चाह लूँ तो रच दूँ नया जहाँ

मेरे सम्मुख न टिके गम कोई


मैं मुस्कुरा के सारे गम भुलाती हूँ

हर पल उम्मीद की किरण जगाती हूँ

कभी माँ सा ममत्व लुटाती हूँ

कभी असुरो के नाश हेतु मां काली बन जाती हूं

न करना भूल मुझे एक खिलौना समझने की,


वर्ना मैं प्रचंड रूप में आती हूँ।

मेरी सौम्यता मेरा प्रेम है,

मेरा समर्पण हैं, मेरा स्नेह हैं

अपने सद्गुणों से बनाती हूँ नया जहां

वही दुष्टों को भी मैं मिटाती यहाँ


कलयुगी रावणों पर मैं आज भी भारी हूँ

कलयुगी रावणों पर मैं आज भी भारी हूँ।


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