"माटी"
"माटी"
माटी कैसे कर्ज चुकायें,
देख तेरे अनुपम बेटों को।
मन ही मन हर्षायें,
माटी कैसे कर्ज चुकाये।
तेरी कोख से जन्मे नेताजी सुभाष चन्द्र कहलायें,
दुश्मन पे ऐसे गरजे,
सुन कर दिल दहलाये।
माटी------
चन्द्र शेखर, भगतसिंह को देखो,
रच डाला इतिहास।
लाल-बाल और पाल ने देखो,
किया शत्रु का नाश।
माटी------
सब को मां तू अन्न जल देती,
वसुंधरा कहलाती।
अच्छे बुरों का बोझ उठाती,
तेरी चौड़ी छाती।
माटी कैसे कर्ज चुकायें,
देख तेरे अनुपम बेटों को,
मन ही मन हर्षायें।।
