"मानवाधिकार दिवस"(10 दिसम्बर)
"मानवाधिकार दिवस"(10 दिसम्बर)
मानव पर जब दानव,
जैसा अत्याचार हुआ।
मानवता की रक्षा हेतु,
मानवाधिकार का प्रादुर्भाव हुआ।
जगत में दिसम्बर दस,
सन् अड़तालीस का इतिहास हुआ।
मानवता की एक,
विधिक संस्था का प्रकाश हुआ।
जीवों व जीने दो का,
विशेष उद्देश्य हुआ।
स्वतंत्र होकर बराबरी,
से रहने का सद्भाव हुआ।
समाज में सम्मानपूर्वक,
जीने का अधिकार हुआ।
दीन - दुखी के संस्कृति,
व धर्म का सम्मान हुआ।
राष्ट्र ने सितंबर अट्ठाईस,
सन् तिरानबे को संज्ञान लिया।
होगी अब मानव की रक्षा,
अक्तूबर बारह एक संस्था कायम किया।
मानव अधिकारों को जगा रही,
यह न्याय संस्था सम्मान दिया।
मानव को मानव के प्रति,
मानवता का अधिकार दिया।