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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar उपनाम "साखी"

Inspirational

अपना स्वाभिमान

अपना स्वाभिमान

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अपना स्वाभिमान टूटने दूंगा

चाहे अपनी जान ही दे दूंगा


रश्मि हूँ सूर्य की,तम चीर दूंगा

तम को एकपल जीने न दूंगा


आंखों में छाये मेरे ढेरों सपने,

कह रहे सब अपने फूले-फले


पर अभिमान झुकने न दूंगा

चाहे अपने ख़्वाब टूटने दूंगा


जिंदगी में सब सुख छोडूंगा,

पर स्वाभिमान छूटने न दूंगा


आरजुएं अधूरी है,अधूरी रहे,

पर शीशे को पूरा अक्स दूंगा


कोई मुझसे खुश रहे या न रहे,

खुद को हंसाने का मौका दूंगा


में जग में अकेला ही आया हूं,

और अकेला ही चला जाऊंगा,


पर मरकर मौत को मौत दूंगा

अपना स्वाभिमान टूटने न दूंगा।


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