माँ
माँ
मैं खुशी अपनी तुमको माँ आज दिखाने आयी हूँ।
मैं जो कुछ कृपा तेरी तुम्हें बताने आयी हूँ।.।
मैं तो लड़ लेती हूं तन्हा दुनिया से पर,
तेरे आँचल की छाँव में कुछ पल बिताने आयी हूँ।।
तेरी दम से घर में मेरे सुख, चैन अमन रहता हैं,
रूठ न जाना मुझसे कभी तुम्हें मनाने आयी हूँ।
मैं भटक न जाऊं मेरा पंथ सहज कर दो,
मुस्कान अधर पर रखकर तुम्हें हँसाने आयी हूँ।
तेरे दरश की प्यासी "नीतू" अब न प्यासी रखना
माँ तेरे चरणों में अपना स्थान बनाने आयी हूँ।