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Anumeha Rao

Abstract

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Anumeha Rao

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मां

मां

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मेरी आंखें खुली,

मैंने तुझे ही पाया,

मैं गिरा तूने, मुझे दिल से लगाया

मैं रूठा, तेरी ममता ने मुझे मनाया,

मेरी नींद उखड़ी, तेरी लोरी ने सुला दिया,

मैं डरा, तूने अंधेरे को भगा दिया,

मां तेरे बिना मैं सहमा सा हूं,

तेरी हथेली थामकर पूरा हुआ हूं।


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