माँ
माँ
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ,
तू इतनी छुपी है कहाँ
तुझे मिलने की आस में ,
आँख लगाकर बैठी हूँ जहाँ
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ
माँ को याद करके,
उमंग नई लेके दिल में.
तुम्हें जगाये हुये सपनों को,
कुछ कर दिखाने की
तरंग में ओ मेरी माँ ओ मेरी
हे बेटी तू हर काम,
जोश ओर होशमें करणा.
ना किसिका बुरा करणा,
हो सके तो अच्छा ही
करना ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ।

