माँ
माँ
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ,
तू इतनी छुपी है कहाँ
तुझे मिलने की आस में,
आँख लगाकर बैठी हूँ जहाँ..
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ ..
माँ को याद करके,
उमंग नई ले के दिल में
तुम्हें जगाये हुये सपनों
को,
कुछ कर दिखाने की
तरंग में....
ओ मेरी माँ ओ मेरी ...
हे बेटी तू हर काम,
जोश ओर होश में करना
ना किसी का बुरा करना,
हो सके तो अच्छा ही
करना....
ओ मेरी माँ ओ मेरी माँ..
