माँ , पिता
माँ , पिता
हमारा कोई अस्तित्व नहीं तुम्हारे बिना
तुम लाये हो हमें इस दुनिया में , किसी शुभ घड़ी में
ज्योत बन के हम भी आये तुम्हारे जीवन में
तुम्हारे साथ रहने , तुम्हे सम्मान देने
जीवन में हर कदम पे तुम्हारे साथ देने
श्रवण कुमार से प्रेरणा ले के तुम्हारी सेवा करने
तुम हमारे माता , पिता हो , हमारे जीवन दाता हो
हम भक्त हैं तुम्हारे अस्तित्व के कारण
हमारी आत्मा , परमात्मा में लीन है
तुम्हारी भक्ति के कारण
हमारे रोम रोम में देव है , तुम्हारे प्रेम के कारण
तुम हमारे माता , पिता हो , हमारे पालनहार हो
हमने परमात्मा की ज्योति को अपनाया
तुम्हारी आस्था के कारण
हम तुम्हारी आरती हैं , तुम्हारे मन के समीप हैं
हम तुम्हारी संतान हैं
तुम्हारी आत्मा का हम रूप हैं
हमें तुम्हारे चरण स्पर्श हैं
तुम हमारे पालनहार हो
हमारे अस्तित्व का कारण हो
तुम हमारे माता , पिता हो , हमारी वंदना का पात्र हो
तुम हमारे माता , पिता हो
आता है हमें तुम पे क्रोध भी , कभी,कभी किसी बात पे
पी लेते हैं उसे भी तुम्हारा प्रेम समज के
तुम हमारे माता , पिता हो
बोल देते हैं हम कभी अनजाने में , तुम्हे ऊट पटाँग शब्द
ना लेना कभी उन्हे अपने दिल. पे , पर लेना अपने दिमाग पे
खेंच भी देना कान हमारे
और निकाल फेकना उन हमारे शब्दों को अपने दिमाग से ,एक सरदर्द की तरह
खड़े हो तुम वीर शिखण्डी की तरह भी ढाल बन के , हमारे आगे
खड़े हो जीवन के एक वीर सज्जन योद्धा की तरह भी , हमारे पीछे
समाप्त करने हर अधर्म को जो आये विराट बन के हमारे सामने
तुम हमारे माता , पिता हो!